बड़ा खुलासा, अंदर की बात, #कठुआ का सच
बताया जा रहा है कि 65 साल के व्यक्ति ने अपने ही सगे नाबालिग बेटे और भांजे के साथ मिलकर गैंगरेप किया, क्या ये संभव है? क्या कोई 65 वर्षीय पिता अपने नाबालिग बेटे और भांजे के साथ गैंगरेप करेगा? कम से हिन्दुओ में तो ये संभव नही लगता, तो फिर आखिर इन तीनों के नाम क्यो डाले SIT ने? जबकि ये लड़का घटना वाला दिन कश्मीर से सैकड़ों किलोमीटर दूर मेरठ में परीक्षा द्दे रहा था ।
कठुआ में मौजूद सूत्रों के अनुसार आरोपी सांझी राम की उम्र लगभग 65 वर्ष है और वे सेवानिवृत अधिकारी हैं, इनके बारे में पता चला है कि ये हिन्दूवादी मानसिकता के व्यक्ति हैं तथा अपने इलाके में हिन्दू जनजागृति का काम करते रहे हैं, सांझी राम बहुत पहले से ही दूसरे धर्म के लोगों की आंख का कांटा बने हुए थे, सांझी राम ने अवैध् रोहिंग्याओं के खिलाफ भी आवाज़ उठाई थी, सांझी राम अक्सर कई गुप्त सूचनाएं स्पेशल पुलिस अधिकारी दीपक खजुरिया व सुरेंद्र कुमार से साझा करते रहते थे, इसके अलावा इलाके की पुलिस के SI आनंद दत्ता व हेड कांस्टेबल तिलक राज को भी वह कई सूचनाएं देते रहते थे, वे अक्सर देशविरोधी गतिविधियों और रोहिंग्या की गतिविधियों की जानकारी उपरोक्त सभी से साझा करते रहते थे, इन्ही सूचनाओं पर ये पुलिस अधिकारी कई बार कार्यवाही भी करते थे जो कि कश्मीर सरकार को नागवार गुज़रा और इन अधिकारियों को इसके लिए फटकार भी लगाई गई, इसके बावजूद ये पुलिस अधिकारी सांझी राम से संपर्क में रहे और सूचनाएं एकत्रित करते रहे, तो क्या सांझी राम गुप्त सूचनाएं देने की कीमत चुका रहे हैं? क्या पुलिस अधिकारी इन सूचनाओं पर कार्यवाही करने की कीमत चुका रहे हैं? तो क्या सरकार हिन्दू जनजागृति करने वाले को बलि का बकरा बना कर हिन्दू संगठनों को फसाने की फिराक में थी? क्या इसके पीछे हिन्दू संगठनों को बदनाम करने की साजिश थी?
यानी जब हिन्दुओ को हिन्दू संगठनों को आतंकवादी साबित ना कर पाओ तो उन्हें बलात्कारी घोषित कर दो? क्या सांझी राम के बहाने हिन्दू संगठनों पर निशाना साधा जा रहा था? क्या अब देश में हिन्दुओ को बलात्कारी बताने का प्रयास किया जा रहा है? सवाल बहुत हैं और कश्मीर सरकार को उसके जवाब देने हैं ।
Post a Comment